थोड़ी से मोहब्बत थोड़ी सी नफ़रत,
वो मुझको दे गयी यूँ गले लगा के,
सिने में क़ैद करके ले गयी दिल मेरा,
दिल मेरा चुरा के मुझे अपना बना के,
बड़ा खामोश रहा करता था मैं कभी,
मुझे हसना सिखा गयी यूँ गले लगा के,
बड़ा नाज़ था मुझे उसकी मोहब्बत पे,
मुझे तन्हाइयों में रोना सिखा गयी यूँ गले लगा के,
जिंदगी क्या है मुझे मालूम ना था,
मुझको जीना सिखा गयी यूँ गले लगा के,
रोज उससे मिलना रोज मिलके बिछड़ जाना,
पल पल का एहसास करा गयी यूँ गले लगा के,
मौसम हूँ बाहर का पतझड़ के बाद,
ऐसा मुझे बना गयी यूँ गले लगा के,
आँखों में क़ैद हो जैसे तस्वीर उसकी,
ऐसा जादू मुझपे चला गयी यूँ गले लगा के,
ना खबर मस्जिद का ना पता मंदिर का,
ऐसा गुनाह मुझसे करा गयी यूँ गले लगा के
बड़ी तमन्ना थी उसको अपना बनाने की,
चाहत को मेरी चाहत बना के चली गयी यूँ गले लगा के,
#इश्क़ #हसरतें